जगन्नाथ धाम : विज्ञान भी नतमस्तक

Jagannath Temple

“जगन्नाथ धाम की हर संरचना, हर परंपरा, एक गहरा रहस्य समेटे हुए है। यहाँ विज्ञान के नियम नहीं, बल्कि प्रभु की अलौकिक शक्ति चलती है।” अलौकिक जगन्नाथ धाम: जहाँ आस्था, रहस्य और विस्मय का संगम होता है. (part 1) नमस्ते दोस्तों! भारत की पावन धरा रहस्यों और अविश्वसनीय कथाओं से ओत-प्रोत है, और इस विशाल … Read more

योग दिवस: आज से ही नई शुरुआत!

योग: सिर्फ़ आसन नहीं, जीवन से जुड़ने की कला  योग मतलब जोड़ अब सवाल ये आता है कि  कैसा जोड़? तो इसका एक सीधा सा जबाब है सेहत की तरफ़ एक जोड़, खुशियों की तरफ़, स्वास्थ्य की तरफ़ एक कदम । यह शब्द योग की आत्मा को छूता है। यह सिर्फ़ शारीरिक मुद्राओं का अभ्यास … Read more

अंदरूनी बेचैनी से आंतरिक शक्ति तक:

Mental health

जीवन के सबक! क्योंकि मानसिक शांति जरूरी है !  जीवन के झटके: एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण  यह सच है कि जीवन में ऐसे कई मोड़ आते हैं जब रिश्तों से, दोस्तों से, और यहाँ तक कि अपने आस-पास की हर बात से मन पूरी तरह खिन्न हो जाता है। यह सिर्फ़ एक क्षणिक भावना नहीं होती, … Read more

मोबाइल युग में खोता बचपन और बढ़ता अवसाद!

आज ‘अवसाद’ या डिप्रेशन शब्द बच्चों-बच्चों की ज़ुबान पर आम हो गया है। यह मानसिक बीमारी अब एक महामारी का रूप लेती जा रही है, और आजकल की जीवनशैली इसे बड़ी आसानी से अपना शिकार बना रही है। यह देखकर दिल कितना दुखी होता है, इसे शब्दों में बयाँ करना मुश्किल है। खोखले होते रिश्ते … Read more

दिल का दर्द: रिश्तों का बदलता स्वरूप!

 आज सोशल मीडिया खोलते ही मन में एक अजीब सी उदासी छा जाती है। जो कुछ हम देखते हैं, वो हमें अंदर तक झकझोर देता है। ये बस मेरे दिल का दर्द या  सवाल नहीं है अपितु  आज हर संवेदनशील व्यक्ति के मन में कहीं न कहीं गूँज रहा है। बदलते रिश्ते: खोया हुआ बचपन … Read more

भागती दुनिया, बिखरते रिश्ते

Broken relationship

आत्मिक शांति की पुकार! जब बचपन की धूप थी, तो छाँव भी साथ चलती थी,हर दुख को माँ की ममता चुपचाप निगलती थी।अब तो बस दौड़ है, मंज़िल कहीं नज़र नहीं,हर रिश्ता पीछे छूटा, बस आगे की फ़िकर रही। कभी हँसी की वजह थी जो, अब वो चुप्पियाँ बन गईं,दिल की बातें कहने वाली आँखें … Read more

आदर्श संतान चाहिए? तो खुद आदर्श बने !

Happy family

माता-पिता अक्सर इस बात को भूल जाते हैं कि बच्चे उपदेशों से नहीं, बल्कि उदाहरणों से सीखते हैं।यह एक कड़वी सच्चाई है कि जो माता-पिता खुद अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते या उनके प्रति अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करते, वे अपनी संतान से यह उम्मीद कैसे कर सकते हैं कि उनकी संतान उनका … Read more

“रिश्तों की खोखली होती बुनियाद”!

अपने आत्म-सम्मान और मन की शांति को हमेशा प्राथमिकता देना बेहद ज़रूरी है। जब रिश्तों में आपको वह इज़्ज़त नहीं मिलती जिसके आप हकदार हैं, तो बिना अंतहीन दर्द झेले उनसे दूर हो जाना ही समझदारी है।यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि कुछ रिश्ते हमें बनाने के बजाय, धीरे-धीरे अंदर से खोखला करते रहते हैं। … Read more