दिल का दर्द: रिश्तों का बदलता स्वरूप!

 आज सोशल मीडिया खोलते ही मन में एक अजीब सी उदासी छा जाती है। जो कुछ हम देखते हैं, वो हमें अंदर तक झकझोर देता है। ये बस मेरे दिल का दर्द या  सवाल नहीं है अपितु  आज हर संवेदनशील व्यक्ति के मन में कहीं न कहीं गूँज रहा है। बदलते रिश्ते: खोया हुआ बचपन … Read more

भागती दुनिया, बिखरते रिश्ते

Broken relationship

आत्मिक शांति की पुकार! जब बचपन की धूप थी, तो छाँव भी साथ चलती थी,हर दुख को माँ की ममता चुपचाप निगलती थी।अब तो बस दौड़ है, मंज़िल कहीं नज़र नहीं,हर रिश्ता पीछे छूटा, बस आगे की फ़िकर रही। कभी हँसी की वजह थी जो, अब वो चुप्पियाँ बन गईं,दिल की बातें कहने वाली आँखें … Read more

आदर्श संतान चाहिए? तो खुद आदर्श बने !

Happy family

माता-पिता अक्सर इस बात को भूल जाते हैं कि बच्चे उपदेशों से नहीं, बल्कि उदाहरणों से सीखते हैं।यह एक कड़वी सच्चाई है कि जो माता-पिता खुद अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते या उनके प्रति अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करते, वे अपनी संतान से यह उम्मीद कैसे कर सकते हैं कि उनकी संतान उनका … Read more

“रिश्तों की खोखली होती बुनियाद”!

अपने आत्म-सम्मान और मन की शांति को हमेशा प्राथमिकता देना बेहद ज़रूरी है। जब रिश्तों में आपको वह इज़्ज़त नहीं मिलती जिसके आप हकदार हैं, तो बिना अंतहीन दर्द झेले उनसे दूर हो जाना ही समझदारी है।यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि कुछ रिश्ते हमें बनाने के बजाय, धीरे-धीरे अंदर से खोखला करते रहते हैं। … Read more