“कामाख्या मंदिर के अनसुने रहस्य”

“कामाख्या के रहस्य गहरे, शक्तिपीठों में है धाम न्यारा।
अंबुबाची पर्व अनोखा, तंत्र-मंत्र का अद्भुत द्वारा।।

तंत्रसाधना का महाधाम, कामाख्या करती उद्धार।
जो भी आता शरण में इसकी, होती मनोकामना साकार।।

जय माता दी

कामाख्या माता ! नाम सुनते ही एक अद्भुत, रहस्यमयी और पवित्र ऊर्जा का स्पंदन रोम-रोम में भर जाता है। यह केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि आस्था, शक्ति और गहन आध्यात्मिकता का वह केंद्र है, जहाँ ब्रह्मांड की जननी, महादेवी कामाख्या स्वयं निवास करती हैं। असम के गुवाहाटी में नीलांचल पर्वत पर स्थित यह दिव्य स्थान, भारत के 51 शक्तिपीठों में सर्वोच्च स्थान रखता है, जहाँ सती की योनि गिरी थी – वह आदि शक्ति का स्वरूप जो सृजन और पोषण का प्रतीक है।(Part 1)

कामाख्या मंदिर के रहस्य: एक भावनात्मक यात्रा

कामाख्या मंदिर की हर शिला, हर कोना एक कहानी कहता है। यहाँ की मिट्टी में ही नहीं, बल्कि हवा में भी एक अलौकिक ऊर्जा महसूस होती है। यह तंत्र साधना का वह पावन केंद्र है, जहाँ देवी की पूजा उनके योनि रूप में की जाती है। यह एक ऐसा अद्वितीय सत्य है जो हमें प्रकृति के सबसे गूढ़ और शक्तिशाली पहलू से जोड़ता है – स्त्री की सृजन क्षमता, उसकी उर्वरता। यह कोई सामान्य प्रतिमा नहीं, बल्कि जीवन के सतत प्रवाह का साक्षात दर्शन है।

साल में तीन दिन जब देवी को मासिक धर्म आता है, वह समय अंबुबाची मेले के रूप में मनाया जाता है। यह सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ एकाकार होने का पर्व है। इस दौरान ब्रह्मपुत्र नदी और आसपास के तालाबों का पानी लाल हो जाना, यह दर्शाता है कि माँ कामाख्या की शक्ति कितनी प्रबल और जीवंत है। यह घटना हमें जीवन के उस रहस्य से अवगत कराती है जहाँ रक्त सिर्फ जीवन का स्रोत नहीं, बल्कि सृजन का भी आधार है। यह हमें सिखाता है कि जो कुछ भी हमें साधारण लगता है, उसमें भी कितनी असाधारण शक्ति छिपी होती है।

यहाँ आकर आप केवल देवी के दर्शन नहीं करते, बल्कि स्वयं को उनकी ऊर्जा से जुड़ते हुए महसूस करते हैं। यह स्थान सिर्फ शारीरिक रूप से पवित्र नहीं, बल्कि आत्मा को शुद्ध करने वाला है। तीन बार इस पवित्र भूमि पर आने से, यह विश्वास है कि हमारे कर्मों का क्षय होता है और आत्मा का शुद्धिकरण होता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ हम अपने भीतर की अशुद्धियों को त्यागकर, दिव्य चेतना से जुड़ते हैं।

माँ कामाख्या से जुड़े कुछ प्रमुख प्रश्न-

कामाख्या मंदिर के इन गहन रहस्यों को और गहराई से जानने के लिए, आइए पहले उन प्रमुख प्रश्नों पर दृष्टि डालें जो अक्सर माँ कामाख्या और इस पावन धाम से जुड़े होते हैं:

v आखिरकर कौन हैं ये माता कामाख्या ?

v क्यों यहाँ किसी मूर्ति की नहीं  बल्कि योनि की होती है पूजा ?

v क्या है माता पार्वती और शिव से जुड़ी पौराणिक कथा ?

v क्या है कामाख्या माता का संपूर्ण इतिहास

v क्यों होती है यहाँ इतनी भीड़  ?

v क्या सच में  यहाँ आने पर हर मनोकामना पूरी हो जाती है  ?

v नीलांचल पर्वत में छुपा इस रहस्यमयी मंदिर का आख़िर क्या है इतिहास ?

v आख़िर क्यों माना जाता है ये सबसे ख़तरनाक शक्ति पीठ ?

v 51 शक्तिपीठों में क्यों दिया जाता है इसे महाशक्ति पीठ का दर्जा?

v आख़िर क्यों होती है अमावस्या की रात इतनी  ख़ास ?

v क्या आज भी यहाँ बलि चढ़ता है ?

v क्यों और कब यहाँ आते हैं हज़ारो तांत्रिक ?

v क्यों  और कब बंद होते हैं मंदिर के कपाट ?

v कब लगता है अम्बुबाची मेला ?

v मेले के दौरान विशेष अनुष्ठान आखिर क्या होता है?

v देवी के रजस्वला होने और अंबुबाची मेले में क्या है संबंध?

v क्यों हो जाता है ब्रह्मपुत्र नदी और अन्य नदी तालाब का पानी रक्त जैसा लाल ?

v प्रसाद में दिए जाने वाले लाल कपड़े का आख़िर क्या है महत्व ?

v क्यों वैज्ञानिक और इतिहासकर इसके सामने है नतमस्तक ?

v किस ग्रंथ से मिलती है कामाख्या माता की जानकारी?

v आखिरकार कहाँ पर स्थित है भैरो मंदिर जिसकी पूजा के बाद ही माता की पूजा सफल मानी जाती है?

v मंदिर परिसर में दस महाविद्या कौन कौन सी हैं ?

v आखिर कौन है केंदू कलई ?

v ऐसा क्या हुआ था की देवी ने अपने सबसे प्रिय पुजारी को बना दिया था पत्थर का ?

v माता कामाख्या ने असम के राजवंशों को क्यों दिया था श्राप ?

v आखिरकार कौन था नरकासुर?

v क्या है अधूरी सीढ़ियों का रहस्य?

v आखिरकार क्या है कुकुराकाटा  स्थान का रहस्य?

v आखिर क्या है तीन बार दर्शन करने की मान्यता?

v क्यों है यह विशेष तांत्रिक साधना केंद्र?

v क्या है तांत्रिक साधना का प्रभाव?

v क्यों प्रसाद की दुकानों की जगह नजर आते हैं टोकरी में बंद कबूतर और पक्षी?

v आखिरकार क्या है इस शक्तिपीठ का महत्त्व?

v क्या है माता कामाख्या का विशेष प्रसाद?

v यहाँ के पूजा के नियम और प्रथाएँ क्या है?

v  कहाँ पर स्थित है ये कामाख्या मंदिर ?और यहाँ कैसे  पहुंचा जा सकता है?

v कैसे मिलता है वाजपेयी यज्ञ का फल ?

v क्या इस मंदिर को भी मुगलों ने नष्ट किया था?

v आखिर क्या है सिद्ध सिंदूर से जुड़ा रहस्य?

v क्या आज भी दी जाती है मनुष्यों की बलि ?

v आखिरकार क्यों चली गई थीं माता मंदिर को छोड़कर?

v कौन है विश्व सिंह?

v क्यों कपाट खुलने से पहले हर रोज़ दी जाती है एक बलि?

v क्या है कामाख्या माता मंदिर में अघोरी और साधुओं का महत्त्व?

v क्या है काला जादू और वशीकरण का सत्य?

v अनेक सिद्धियों की प्राप्ति और तांत्रिक साधना कैसे की जाती है?

v क्या है बलि से जुड़े विवाद और उसके लिए दृष्टिकोण?

v  इस मंदिर की वास्तुकला और संरचना की क्या विशेषताएँ हैं?

इन प्रश्नों के माध्यम से हम कामाख्या मंदिर के हर पहलू को गहराई से समझने का प्रयास करेंगे, ताकि इस अद्भुत और शक्तिशाली शक्तिपीठ की दिव्यता को और अधिक आत्मसात किया जा सके। यह एक ऐसी यात्रा है जो हमें न केवल आध्यात्मिकता से जोड़ती है, बल्कि जीवन के गूढ़ रहस्यों को भी उजागर करती है।

कहानी जारी है …to be continued…

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